मुस्लिम पक्ष के वकील का दावा, अयोध्या में राम मंदिर के लिए दी गई जमीन कब्रगाह रही है
अयोध्या के एक मुस्लिम निवासियों के समूह ने मंदिर ट्रस्ट को पत्र भेजते हुए कहा कि मुस्लिम के कब्रगाह पर राम मंदिर का बनाया जाना यह एक ‘सनातन धर्म’ का उल्लंघन होगा।
अयोध्या जमीन विवाद में मुस्लिम पक्ष के वकील रहे एम.आर. शमशाद की तरफ से यह पत्र भेजा गया है। 15 फरवरी को भेजे गए पत्र में यह कहा गया है कि जिस जगह पर बाबरी मस्जिद ढहाई गई थी वहां पर एक कब्रगाह है, जहां पर 1885 में अयोध्या में दंगा के दौरान उन लोगों को दफनाया गया था।
इस पत्र पर आगे कहा गया- “रिकॉर्डेट फैक्ट्स के मुताबिक, 1885 दंगे में 75 मुसलमानों की हत्या की गई और मस्जिद के बाद एक कब्रगाह है, जहां पर उन शवों को दफनाया गया। हालांकि, उसके बाद इस जमीन का इस्तेमाल कब्रगाह के तौर पर होता रहा है।” पत्र में कहा गया है- “केन्द्र सरकार ने भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए मुस्लिमों के कब्रगाह को कोई मुद्दा नहीं माना है।
यह ‘धर्म’ का उल्लंघन है।” यह पत्र सुप्रीम कोर्ट के वकील के. पराशरण और अन्य ट्रस्टी को संबोधित करते हुए लिखा गया है। पराशरण ट्रस्ट की अगुवाई कर रहे हैं। उनसे कहा गया है कि इस बात पर को देखें कि क्या राम मंदिर के लिए मुस्लिम कब्रगाह स्वीकार्य है।”
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